नगर कहानी का सारांश | Nagar Kahani ka saransh
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नगर कहानी का सारांश | Nagar Kahani ka saransh |
उत्तर: किसी भी कहानी के केन्द्र मे उसका शीर्षक होता है। इस कहानी का भी केन्द्र बिन्दु नगर और वहाँ का चरित्र है। नगरीय संवेदनहीनता और कर्तव्यविमुखता इस कहानी के केन्द्र मे है, जो वल्लि अम्माल एवं उसकी पुत्री पप्पाती के साथ घटित होती है। अतः कहानी का शीर्षक अत्यंत सार्थक है।
3. पप्पाती कौन थी और वह शहर क्यो लायी गई थी?
उत्तर: पप्पाति बल्ली अम्माल की पुत्री थी और वह शहर इसलिए लायी गई थी, क्योकि वह मेनिनजाइटिस से ग्रसित थी इसलिए उसके इलाज के लिए वह शहर लायी गयी थी।
4. बड़े डॉक्टर के आदेश के बावजूद पप्पाति अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं हो पाती ?
उत्तर: अस्पताल के डॉक्टरों एवं कर्मचारियों के लापारवाही व अनुशासनहीनता के कारण बड़े डॉक्टर हे आदेश के बावजूद भी पप्पाति अस्पताल मे भर्ती नहीं हो पाती है।
5. बड़े डॉक्टर ने अपने अधिनस्थ डॉक्टरो से पप्पाति को अस्पताल में भर्ती कर लेने के लिए क्यो कहा? विचार करे।
उतर: पप्पाति का केश नयी बीमारी वाला था। उसे मेनिनजाइटिस हो चुका था। बड़े डॉक्टर ने इस नयी बीमारी के लिए हाल ही मे विदेश से पढ़ाई (अध्ययन) करके आये थे। इसलिए बड़े डॉक्टर ने इस नयी बीमारी पर शोध करना चाहते थे। इसलिए इन्होने अपने अधीनस्य डॉक्टरों से उसे तुरंत विशेष भर्ती कर लेने को कहा था।
6. बल्लि अम्माल का चरित्र चित्रण करें -
उत्तर – वल्लि अम्माल इस कहानी की एक प्रमुख पात्र है। वह पूरी तरह से अशिक्षित और शहर की वातावरण से अपरिचित/ अंजान भी है। देहाती वातावरण में रहने के कारण मुखर भी नहीं थी। वह पुराने देहात की, पुराने रीति - रिवाज में पली नारी थी। उसे अस्पताल का दौड़ और दवाओं का गंध भी असह्य था। उसे गाँव के अधकचरे झोला छाप वैद्य, डॉक्टरों, ओझाओं और देवी-देवताओं पर विश्वास था। वह शहरी वातावरण से अनभिज्ञ अशिक्षित और डरपोक प्राचीन भारतीय नारी थी।