ढहते विश्वास का सब्जेक्टिव क्वेश्चन | Dhahte vishwas kahani ka subjective question
दोस्तों इस पेज में वर्णिका भाग 2 के कहानी ढहते विश्वास पाठ का सब्जेक्टिव क्वेश्चन दिया गया है। जो बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2023 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। अगर आप लोग मैट्रिक परीक्षा 2023 की तैयारी कर रहे हैं तो सभी प्रश्न को अच्छी तरह से याद करें। class 10th Hindi question answer.
क्योंकि इस लेख में कक्षा दसवीं के वर्णिका भाग 2 के पाठ - 2 ढहते विश्वास पाठ का सब्जेक्टिव क्वेश्चन दिया गया है। जो आपके बोर्ड परीक्षा में पूछे जा सकते है तो अपने तैयारी को बेहतर बनाने के लिए नीचे दिए गए सभी प्रश्नों को अवश्य पढ़ें।
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ढहते विश्वास का सब्जेक्टिव क्वेश्चन | Dhahte vishwas kahani ka subjective question |
1. लक्ष्मी कौन थी? उसकी पारिवारिक परिस्थिति का चित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: लक्ष्मी 'ढहते विश्वास" कहानी की एक प्रमुख पात्र थी। लक्ष्मी के दो बेटे एवं दो बेटीयाँ है। उसका पति लक्ष्मण कोलकता में कही पर नौकरी करता था। पति के वेतन से जो पैसे उसे मिलते हैं। उससे घर-गृहस्थी का खर्च नही चल पाता है। इसलिए वह तहसीलदार साहब की हवेली में छिट - पुट काम करके जो पैसे कमाती है उसी से पूर्वजों द्वारा छोड़ा गया एक बीघा खेत में उसने खेती करवाई थी। परन्तु वर्षा नहीं होने के कारण अंकुरण जल गए थे। एक तरफ सुखा की मार तो दूसरी तरफ बाढ़ और तुफान के मार से सीता का घर बर्बाद हो गया था।
अतः लक्ष्मी की पारिवारिक परिस्थिति बहुत ही दयनीय थी।
2. लक्ष्मी के दिल में कैसी आशंकाएँ उठती है ?
उत्तर : लक्ष्मी के दिल मे तरह-तरह की आशंकाएं उठती है। उसके दिल मे विनाशकारी बाढ़ की आशंका उठती है तो उसका हृदय तड़प उठता है। उसके दिल में बाढ़ से बर्बादी की आशंका उठती है तो उसा दिल बैठ जाता है। क्या करेगी अकेली वह! कैसे बचाएगी अपने बच्चों की जान! कैसे झेलेंगी बाढ़ की विभिषिकाएँ ! कैसे करेगी संकट का मुकाबला! लक्ष्मण भी तो नही हैं। इस तरह की आशंकाएं लक्ष्मी के दिल मे उठती है।
3. 'ढहते विश्वास ' शिर्षक कहानी की सार्थकता पर विचार करे -
उत्तर: कहानी का शिर्षक 'दहते विश्वास' अत्यंत सार्थक है। कहानी का प्रतिपाध विश्वास और हम कर्म द्वंद के आधार पर प्रस्तुत किया गया है। लोगों को विश्वास है कि जब जब उसपर विपति आती है, तब तब उसके आराध्य देवता उसकी मदद करते है। परम्परा से आते हुए इस विश्वास को लोगो ने स्वीकार किया है। उसने अपने विवेक से इस विश्वास की परीक्षा नही की है। आज जब इस भीषण बाढ़ मे इस विश्वास परीक्षा शुरू की है। तब उसे, ऐसा प्रतित हुआ है की, उसका विश्वास निरर्थक एवं जड़ है। माँ चंडेश्वरी उसकी मदद नहीं करती। वे तो स्वयं वर्षा के थपेड़ो से आक्रांत है। लोगो का यह जड़ विश्वास टूटने लगता है। और वह अपने हाथों मे बांध के निर्माण के लिए कुदाल और फावड़ा थाम लेते है। निष्क्रिय देवता के विश्वास से मुक्त होकर कर्म की देवता की आराधना करने लगते है।
4. कहानी के आधार पर प्रमाणित करें कि उड़ीसा का जन- जीवन बाढ़ और सुखा से काफी प्रभावित रहा है !
उत्तर: ढहते विश्वास कहानी में उड़ीसा की बाढ़ और सुखा से प्रभावित जन-जीवन का अत्यंत ही मार्मिक चित्रण किया गया है। तूफान, बारिश और सूखा एवं बाढ़ ने वहाँ के जनजीवन को तहस-नहस कर रखा है। महानदी का हीराकुंड बाँध तथा ययाति द्वारा बनाया गया बाँध उनकी रक्षा नही कर पाते। वहाँ के लोग प्रकृति के भरोसे अपना जीवन काटते है।
5. कहानी मे आये बाढ़ के दृश्यों का चित्रण अपने शब्दो मे प्रस्तुत करें।
उत्तर: 'ढहते विश्वास' कहानी में वर्णित बाढ किसी काल से कम नहीं। दलेई बाँध के आस-पास सब गाँव घर वह गए। उस बाढ़ मे लोग, मवेशी, घर, सब तबाह हो गए किसी का कुछ अता-पता नहीं था। बच्चे-बुढ़े सब एक दूसरे को खोज रहे थे। पानी पर लोगों से शव और मृत जीव-जन्तु वह रहे थे। यह दृश्य बहुत ही विनाशकारी था।
6. बिहार का जन - जीवन भी बाढ़ और सुखा से प्रभावित होता रहा है। इस संबंध में आप क्या सोचते है? लिखे।
उत्तर: बिहार का जनजीवन भी बाद और सुखे के चपेट मे अक्सर आता रहता है। बागमती, गंडक, कोसी एवं गंगा जैसी नदियां बिहार मे हर साल तबाही मचाती है, तो दूसरी तरह तबाही का दूसरा रूप सुखा भी बिहार मे तवाही मचा देती है। कुल मिलाकर बिहार भी इन प्राकृतिक आपदाओं से जुझता रहता है। मेरे विचार से यदि नदियों से नहर निकाल दिये जाये तो बाढ़ और सुखा इन दोना समस्याओं से बिहार को निजात मिल सकता है।
अगला पोस्ट: 👇 5 अंक क्वेश्चन आंसर
7. लक्ष्मी के व्यक्तित्व पर विचार कारें -
8. ढहते विश्वास ' कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।
9. 'ढहते विश्वास' कहानी के कहानीकार 'सातकोड़ी होता जी' का परिचय